Property Registry Rules: रजिस्ट्री के बाद जरूर कर लेना ये काम, वरना हाथ से निकल जाएगी प्रॉपर्टी

Property Registry Rules

Property Registry Rules: जब कोई भी नया जमीन खरीदना है या नहींप्रॉपर्टी खरीदना है तो उसकी रजिस्ट्री करवाता है। यानी कि करता और विक्रेता के बीच रजिस्ट्री के पेपर बनते हैं। विक्रेता पूरा पैसा देने के बाद रजिस्ट्री के जरिए वह अपनी प्रॉपर्टी को अपने नाम ट्रांसफर करवाता है। लेकिन रजिस्ट्री करवाने के बाद भी आपको उसे प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं मिलता है। रजिस्ट्री करवाने के बाद कुछ और जरूरी डॉक्यूमेंट होते हैं जो आपके पास होना चाहिए तभी आप उसे प्रॉपर्टी के मालिक बन पाएंगे। आईए जानते हैं वह कौन से PropertyRegistry Rules याडॉक्यूमेंट आपको बनवाना चाहिए ….

Property Registry Rules: रजिस्ट्री के बाद जरूर कर लेना ये काम, वरना हाथ से निकल जाएगी प्रॉपर्टी

अगर आपने कोई भी जमीन या प्रॉपर्टी खरीदी है और आप तहसील में उसकी रजिस्ट्री करवा कर निश्चित हो चुके हैं और सोच रहे हैं कि हम उसका मालिकाना हक प्राप्त कर लिए हैं तो यह आपकी गलतफहमी है।

आप सभी को बता दे की कोई भी रजिस्ट्री किया हुआ दुकान, प्लॉट या मकान रजिस्ट्री करवा लिए हैं तो भूल कर भी आप अपने मन में यह बहम न पाले की वह संपत्ति आपकी हो गई है। विक्रेता को पूरा पैसा देने और रजिस्ट्री करने के बाद भी आप उसे प्रॉपर्टी के पूरे मालिक नहीं बन सकते हैं।

अगर आपने रजिस्ट्री के बाद प्रॉपर्टी की म्यूटेशन यानी कि दाखिल खड़ी नहीं करवाया है तो आप मुसीबत में पढ़ सकते हैं। म्यूटेशन नहीं करने के कारण ही बहुत से संपत्ति विवाद होता है और कोटक कानून का चक्कर लगाना पड़ता है।

Property Registry Rules : ऐसे होता है फर्जी वाड़ा

जमीन के रजिस्ट्री के बाद सबसे जरूरी काम यह होता है कि दाखिल हरि यानी कि नामांतरण करवाना। यह काम रजिस्ट्री के दो से तीन महीने के भीतर हो जाना चाहिए। सारा फर्जीवाड़ा इसी दौरान होता है। क्योंकि जमीन के पहले खरीदार ने दाखिल खड़ी नहीं करवाया होता है, यही वजह है कि उसके खतौनी में पुराने मालिक का नाम ही चढ़ जाता है। अब दूसरे खरीदार को वह जमीन दिखाकर फिर बेच दिया जाता है और उसके दाखिल खारिज करने से पहले ही किसी तीसरे और चौथे व्यक्ति के नाम पर भी रजिस्ट्री कर पैसा वसूल लिया जाता है।

Property Registry Rules: रजिस्ट्री के बाद हर हालत में म्यूटेशन करवाना होता है जरूरी

भारतीय रजिस्ट्रेशन एक्ट कहता है कि ₹100 मूल्य से ज्यादा की किसी भी तरह की संपत्ति का अगर हस्तांतरण किया जाता है यह लिखित में होना चाहिए। इसका रजिस्ट्रेशन सब रजिस्टर्ड कार्यालय में करवाया जाता है। यह नियम पूरे देश में लागू होता है और इसे ही रजिस्ट्री कहा जाता है।

लेकिन आपको यह बात अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए की रजिस्ट्री से ही आप जमीन, दुकान या फिर मकान के पूर्ण मालिक नहीं हो जाते हैं रजिस्ट्री के बाद मोशन यानी कि दाखिल खारिज (Mutations) करवाना बहुत ही जरूरी होता है।

Property Registry Rules: पहलें चेक कर ले यह डॉक्यूमेंट

जब भी बिल्डर कोई भी जमीन आपको बेचता है तो उसकी एक गाटा संख्या होती है। बिल्डर जमीन को भले ही कितने टुकड़ों में बताकर प्लॉट बनाए हो, लेकिन उसका गाटा संख्या एक ही होता है। यानी की 20 प्लॉट का नंबर तो अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इन सभी प्लॉट का घाटा नंबर एक ही हो रहेगा। खरीदार गाटा नंबर से खतौनी देखकर सकते हैं। पहले जब हमें खतौनी की जरूरत पड़ती थी तब राजस्व विभाग में जाना पड़ता था। लेकिन अब यह सुविधा ऑनलाइन हो चुका है। राजस्व विभाग ने भू अभिलेख से संबंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिए हैं।

जब भी कोई प्लॉट खरीदना होता है तो उसे खरीदने से पहले सबसे पहले आपको उसकी खतौनी तो जांच कर लेना चाहिए। और रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर यह जरूर पता कर लेना चाहिए कि यह जमीन किसी को बची तो नहीं गई है। इसके अलावा जैसे ही जमीन के रजिस्ट्री करवाएं, तो नियत समय के बाद उसकी दाखिल खारिज जरूर करवा लें। इससे गाटा संख्या और खतौनी में आपका नाम दर्ज हो जाएगा और इसका फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा।

Property Registry Rules: जानकारी न होने से होता है विवाद

आए दिन ऐसी खबर सामने आती रहती है की प्रॉपर्टी को किसी व्यक्ति ने 2 बार बेच दिया है। या फिर बेचने वाले ने बेची गई संपत्ति की रजिस्ट्री खरीदार के नाम करने के बाद भी उसे जमीन पर लोन ले लिया है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जमीन खरीदने वाले ने केवल रजिस्ट्री करवाई होती है उसने प्रॉपर्टी का दाखिल खरीफ या नामांतरण अपने नाम से नहीं करवाया होता है।

हमें उमीद है की अब जब भी आप लोग प्रॉपर्टी की डील करेंगे तो ये Property Registry Rules ध्यान में ज़रूर रखेंगे।

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